Important Battles of the World - Competition GK

Famous Battles of The World



विश्व के प्रसिद्ध युद्ध

By Aashish Sir

मैराथन का युद्ध  - 490 ई.पू.
मैराथन का युद्ध 490 ईसा पूर्व में यूनान (वर्तमान Greece, राजधानी - एथेंस) व फारस (वर्तमान ईरान) के बीच मैराथन के मैदान में हुआ। इस युद्ध में यूनान की विजय हुई। फारस का राजा डेरियस था। वह अत्यंत पराक्रमी था। फारस को पर्शिया((Persia) भी कहा जाता है।
 जब फारस के राजा डेरियस में ग्रीक लोगों को अधीनता का संदेश भेजा तो एथेंस व स्पार्टा के लोगों ने विरोध किया तब डेरियस ने यूनान पर चढ़ाई कर मैराथन के युद्ध का प्रारंभ किया। यूनान ने स्पार्टा के सहयोग से मिलिटियाड्स के कुशल नेतृत्व में फारसी सेना को बुरी तरह से हराया।

मैराथन युद्ध का मैदान वर्तमान में ग्रीस देश में राजधानी एथेंस के  नजदीक है।


थर्मोपोली का युद्ध - 480 ईसा पूर्व   
यह युद्ध यूनान (Greece) और फारस(Persia) की सेना के बीच थर्मोंपोली नामक स्थान पर हुआ था जो पहाडियों के मध्य में अवस्थित था । थर्मोपोली वर्तमान में ग्रीस में है। युद्ध से पूर्व थर्मोंपोली पहुचने के बाद जेरेक्सीज ने लियोनिदास को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा । इस पर लियोनिदास ने निर्भीकता से उत्तर दिया, “जाओ और ले जाओ” । इसके बाद जेरेक्सीज ने अपना एक दूत यूनानी सेनापति के पास भेजा । फारसी दूत ने यूनानी सेनापति से कहा, “कोई बात नहीं, हम अंधेरे में लडने को तैयार है ।” इस पर युद्ध आरम्भ हो गया । युद्ध दो दिन तक चलता रहा । कुछ यूनानियों ने गद्दारी की जिसके कारण यूनान की संयुक्त सेना पराजित हुईं और उनका सेनापति लियोनिदास मारा गया ।

स्पार्टा के राजा लियोनिदास ने इस युद्ध में बडी वीरता व साहस से अपने प्रतिद्भन्दियों का मुकाबला किया था । इससे स्यार्टा की प्रतिष्ठा में चार चांद लग गये और लियोनिदास विश्व इतिहास में अपना नाम सदा के लिए अमर कर गया । इसीलिए इतिहासकार हेज ने अपनी पुस्तक “वर्ल्ड हिस्ट्री ’ में लिखा है, “भाग्य ने विजय नहीं मिलने दी, पर उन्हें अमर कीर्ति के ताज से अवश्य अलंकृत कर दिया ।” कुछ वर्षों बाद युद्ध स्थल पर एक शिलालेख स्थापित किया गया, जिससे लियोनिदास तथा उसके तीन सौ स्पार्टा के सैनिकों के बलिदान को अभूतपूर्व श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी ।

 थर्मोपोली के युद्ध में फारस को सफ़लता मिली और यूनानियों को पराजय का मुँह देखना पड़ा । फारस के शासक ने एथेन्स पर अधिकार कर लिया । इस पर यूनानी पहाडों में भाग गये । 


 हेस्टिंग्स का युद्ध  - 1066 ईस्वी 
यह इंग्लैंड के राजा हैरोल्ड तथा नॉरमैडी  ड्यूक विलियम के मध्य हुआ । इसमें विलियम की विजय हुई और वह इंग्लैंड का राजा बन गया । इससे इंग्लैंड में नारमन वंश का प्रारंभ हुआ।



जिब्राल्टर खाड़ी का युद्ध 
1606-07 ई.  
यह युद्ध डच लोगों तथा  स्पेन और पुर्तगाल निवासियों के बीच हुआ था। इसमें स्पेन और पुर्तगाल की हार हुई।



 सप्त वर्षीय युद्ध - 1756 - 63 ई. 
यह युद्ध इंग्लैंड और जर्मनी द्वारा फ्रांस तथा रूस के विरुद्ध लड़ा गया। इसमें इंग्लैंड तथा जर्मनी की विजय हुई।




अमेरिकी स्वतंत्रता का युद्ध - 
1776 - 1783 ईस्वी 
जब वाशिंगटन ने अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा की तो उसकी सेना को अंग्रेजी सेना से 7 वर्ष तक युद्ध करना पड़ा। अंत में अमेरिकी सेना की विजय हुई और इंग्लैंड ने अमेरिकी स्वतंत्रता को स्वीकार किया।




अमेरिकन गृह युद्ध - 1862-1865 ई.  
इस गृह युद्ध में अब्राहम लिंकन के नेतृत्व में उत्तरी राज्यों की सेना ने दक्षिणी राज्यों की सेना को हराया और उन्हें गुलामी प्रथा को कायम रखने से तथा उत्तरी राज्यों से अलग होने से रोका । इसके उपरांत ही लिंकन की हत्या कर दी गई।




प्रथम विश्वयुद्ध - 1914-1919
प्रथम विश्वयुद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला। प्रथम विश्वयुद्ध धूरी राष्ट्रों तथा मित्र  राष्ट्रों के मध्य हुआ। धुरी राष्ट्र ऑस्ट्रिया, जर्मनी, हंगरी एवं इटली आदि को कहते हैं तथा मित्र राष्ट्र का गठबंधन संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, इंग्लैंड तथा फ्रांस से मिलकर बना था। प्रथम विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों की विजय हुई।
प्रथम विश्वयुद्ध का अंत जर्मनी द्वारा 11 नवंबर 2018 को वार्साय संधि पर हस्ताक्षर करने से हुआ। वार्साय संधि के अनुसार ही विश्व में शांति बनाए रखने हेतु राष्ट्र संघ की स्थापना की गई। 
प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम स्वरूप  संयुक्त राज्य अमेरिका  एक  मात्र  विश्व शक्ति  के रूप में  प्रकट हुआ । राष्ट्र संघ का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सुरक्षा बनाए रखना था।





द्वितीय विश्वयुद्ध - 1939-1945 

द्वितीय विश्व युद्ध 1 सितंबर 1946 से 2 सितंबर 1945 तक हुआ। यह 6 वर्ष 1 दिन तक चला। द्वितीय विश्व युद्ध 1 सितंबर 1939 को जर्मनी  द्वारा पोलैंड पर  हमला करने से प्रारंभ हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र के मध्य हुआ । इस युद्ध में मित्र राष्ट्रों की विजय हुई। यह पहला युद्ध था जब परमाणु बम का इस्तेमाल संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जापान के विरुद्ध किया गया। 5 अगस्त 1945 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा नगर पर पहला परमाणु बम गिराया। जापान के ही नागासाकी शहर पर 8 अगस्त 1945 को दूसरा परमाणु बम संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा गिराया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम स्वरूप दो महाशक्तियों संयुक्त राज्य अमेरिका तथा रूस का उदय  हुआ।

 इस युद्ध के परिणाम स्वरूप शीत युद्ध प्रारंभ हुआ।
द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम स्वरूप राष्ट्र संघ का अस्तित्व समाप्त हो गया तथा विश्व के राष्ट्रों के बीच शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ नामक विश्व संस्था का गठन किया गया।



वाटरलू का युद्ध - 1815
वाटरलू का युद्ध 18 जून 1815 को हुआ। यह युद्ध  वर्तमान बेल्जियम के  वाटरलू  नामक स्थान पर  लड़ा गया । उस समय  यह स्थान  नीदरलैंड  में था। इस युद्ध में एक तरफ फ्रांस था तथा दूसरी तरफ ऑस्ट्रिया, रूस, ब्रिटेन, हंगरी आदि की सेनाएं थी। फ्रांस का नेतृत्व नेपोलियन द्वारा किया गया। तथा दूसरे गठबंधन का नेतृत्व ड्यूक ऑफ वेलिंगटन द्वारा किया गया। नेपोलियन का यह अंतिम युद्ध था। इस युद्ध में फ्रांस की हार हुई । युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्मसमर्पण कर दिया और उसे बंदी बना लिया गया। बंदी गृह में ही उसकी मृत्यु हो गई।


ईरान इराक युद्ध - 1980-1988 ई. 
1913 ईस्वी में हुए एक समझौते के अनुसार शत-अल-अरब जलडमरूमध्य पर केवल इराक का अधिकार था। बाद में 1937 ईस्वी में ईरान ने इस जलडमरूमध्य पर कुछ रियायतें प्राप्त कर ली थी किंतु 1975 ईस्वी के अल्जीयर्स समझौते में इस पर ईरान और इराक दोनों का समान अधिकार स्वीकार किया गया। इराक इससे संतुष्ट नहीं था तथा 22 सितंबर 1980 को उसने उचित अवसर जानकर ईरान के खुर्रम शहर पर आक्रमण कर दिया। 8 वर्ष तक दोनों देश युद्ध की स्थिति में रहे। अंततः संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों से 1988 ईस्वी में युद्धविराम हो गया। यह युद्ध बीसवीं सदी का सबसे लंबा युद्ध कहा जाता है।


खाड़ी युद्ध - 1990-91 ईस्वी 
2 अगस्त 1990 को इराक ने पड़ोसी देश कुवैत पर आक्रमण करके कब्जा कर लिया तथा बाद में इसे अपना 19वां प्रांत घोषित कर दिया । इसका विश्वव्यापी विरोध हुआ । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव से 15 जनवरी 1991 तक इराक को कुवैत खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया।  इसकी अनुपाल न होने पर अमेरिका के नेतृत्व में बहुराष्ट्रीय सेना ने 17 जनवरी 1991 को इराक पर आक्रमण कर दिया । जवाब में इराक ने इस्ररायल व सऊदी अरब पर हवाई हमले किए। 27 फरवरी को इराक द्वारा कुवैत खाली कर दिया गया तथा 28 फरवरी का युद्ध विराम हो गया।




 

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